छत्तीसगढ़ के एक छोटे से शहर से हिन्दी मासिक पत्रिका पंचायत की मुस्कान के लगातार सफलतापूर्वक प्रकाशन के बाद हमें लगा कि इसको और नइ उंचाईयों तक पंहुचाने के लिए क्यों ना पंचायत की मुस्कान के नाम से एक वेबसाईट का निर्माण करा लिया जाए तब वेबसाईट बनाने वाली कई कंपनियों से प्रपोजल मंगवाए और लुभावने वादे को देखकर हमने Amorphous Technology Solutions कंपनी को वेबसाईट के निर्माण का ठेका दिया। कंपनी से बातें हुई की एक निश्चित राशि वेबसाईट बनवाते समय देने के बाद रखरखाव एवं डोमेन शुल्क नवीनीकरण का खर्चा देने पड़ेंगे जिसके एवज में कपंनी वेबसाईट का पूरा मेंटेनेंस देखेगी। वेबसाईट को लेकर हमारे बूरे अनुभवों की शुरूवात यहीं से प्रारंभ हो गई। कंपनी को वेबसाईट बनवाने के समय ही हमने बता दिया था कि इस वेबसाईट का प्रारंभ हम बड़े जोर शोर से 15 अगस्त 2012 को करेंगे। निर्धारित दिन के लिए हमने जिला पंचायत की अध्यक्षा सूरज ब्यास कश्यप को अतिथि घोषित कर रखा था लेकिन कंपनी ने 14 अगस्त की देर रात को हमें खाली वेबसाईट हमारे हवाले कर दिया जिसमें निर्धारित तिथि तक हम बिना बताए कुछ भी डालने में असमर्थ रहे और हमारा पूरा कार्यक्रम उनकी वज से पूरी तरह से फ्लाफ रहा। कंपनी ने उसमें फोटो फीचर और विडियो डालने का स्थान तो बना दिया जिसमें से फोटो गैलरी में तो जैसे तैसे फोटो डालना सीख गए पर विडियो गैलरी में विडियो डालना कंपनी ने कभी नहीं सिखाया। जिले में जब एक नाबालिक चोर का मुंडन कर उसको सड़कों पर घुमाया गया और उसके एक्सक्लूजिव विडियो हमारे द्वारा खींच कर उसे डालने के लिए वेबनिर्माता कंपनी को भेजे गए तो उसने यह कहते हुए एक सप्ताह बाद उस विडियो को लौटा दिया कि इसमें वो फार्मेट नहीं डलता जो मूवी मेकर से तैयार होता है। पहले साल हमने इसमें बहुत सारे स्वलिखित लेख डाले जिससे कि उससे संबंधित चीजें सर्च करने पर हमारा वेबसाईट दिखाई पड़े तो इसका नए लूक देने के नाम पर इसका सर्वर बदल दिया गया, बाद में पता चला कि सर्वर बदलने पर एक साल तक हमने इसमें जो भी जानकारी या समाचार डाले थे वो सभी नष्ट हो गए। सर्च इंजनों द्वारा हमारे वेबसाईट की सामाग्री को सर्च नहीं कर पाने के कारण इसमें गिनती के पाठक ही ले देकर पंहुच पाते थे ऐसे में हमने इसे एक विशेष पाठक वर्ग के लोगों के लिए खास तौर से डिजाइन कराने के लिए सोंची तथा उनसे बात करके वेबसाईट के नवीनीकरण और सुधार कार्य का पेमेंट 13 अगस्त 2014 को कर दिया। हमने अपने वेबसाईट का लुक बदलते हुए हमसे जुड़े ऐसे लोगों को एसएमएस किया जो हमारे इस वेबसाईट के बदले हुए लुक के स्थाई पाठक हो सकते थे। एसएमएस से हमने उन्हें पन्द्रह अगस्त 2014 से वेबसाईट के नेटवर्क मार्केटिंग के समाचार विशेष रूप से डाले जाने की जानकारी दी, बदले में उन्होंने हमें सरप्राईज दिया कि हमारा वेबसाईट तो ओपन ही नहीं हो रहा है, फिर हमारा वेबसाईट लगातार चार दिन बंद रहा और वेबनिर्माता कंपनी के चलते दूसरी बार हमारी फजीहत हो गई।
वेबनिर्माता कंपनी के हमसे जुड़े व्यक्ति से लगातार 15 दिनों तक हम हाथ-पैर जोड़ते रहे कि भैया हमने तो आपको 15 दिनों पहले से ही आपके द्वारा बताए गए पेमेंट कर दिए हैं अब तो आप हमारे वेबसाईट को ठीक-ठाक कर दो, पर वो हमारा सुनने को तैयार ही कंहा थे, तब हमने कंपनी की साईट में वहां मेल कर जानकारी दी जहां मेल करने के बाद उनका प्रपोजल आया था, उसके बाद कंपनी ने कुछ सुधार कर फिर अटका दिया, जिसके पच्चीस दिन बीतने के बाद हमने एक बार फिर उन्हें हमारा साईट ठीक करने मेल किया लेकिन 13 अगस्त को उनका भुगतान करने के बाद आज एक माह से कुछ दिन अधिक हो गया है और हमारा वेबसाईट वैसे ही आधा अधूरा पड़ा हुआ है, इसमें के निम्नलिखित काम अब तक अधूरे हैं -
1. होम मिडिल एड तीन में जगह तो बना दी गई है लेकिन अब तक वहां एडमिन के लिए विज्ञापन डालने की जगह नहीं बनाई गई है।
2. होम राईट एड चार और पांच की जगह तो बना दी गई है, लेकिन एडमिन की ओर से उसमें विज्ञापन डल ही नहीं पा रहे हैं।
3. ईमेल सब्सक्रिप्शन जो डाला गया है उसमें लोग अपना ईमेल पता तो डाल सकते हैं लेकिन वह एक्टिव नहीं हुआ है जिसकी वजह से ईमेल डालने वाले किसी भी व्यक्ति के पास समाचार नहीं पंहुचते।
इनके पुराने कार्यो की त्रुटि जो अब तक दूर नहीं हुई है -
1. कमेंट बाक्स में सिर्फ अंग्रेजी में लिखे एक-दो लाईन के कमेंट ही दिखते हैं, अगर आप हिन्दी में कमेंट लिखों तो वह नहीं दिख पाते तथा उनके स्थान पर ?????????? नजर आते हैं वहीं इंग्लिश में किए गए कमेंट भी दो लाईन से ज्यादा हुए तो कुछ कमेंट ही दिखाई पड़ते हैं तथा बाकि कमेंट्स नहीं दिखते।
तो दोस्तों आपको नहीं लगता कि हमने Amorphous Technology Solutions से वेबसाईट निर्माण कराकर अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मार ली, हम तो यही कहेंगे कि आप चाहे काले चोर से वेबसाईट बनवा लेना पर Amorphous Technology Solutions से वेबसाईट मत बनवाना।
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