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बुधवार, 18 जुलाई 2012

दोबारा जन्‍म हो तो राजेश खन्‍ना ही बनूं, वही गलतियां करूं


राजेश खन्ना की मौत के बाद दैनिक भास्कर ने लिखा है
एक अद्भुत सुपरस्टार....शानदार एक्टर...लाखों दिलों पर राज करने वाला एक ऐसा कलाकार, जिसने किसी फिल्म के हिट होने के मायने ही बदल दिए...गुमनाम सी बीमारी के बाद चला गया...अंतिम समय में डिंपल का हाथ पकड़कर उनकी आंखों में शायद अतीत घूमा होगा...उन गलतियों की याद आई होगी जो अकल्पनीय स्टारडम के दौर में जाने-अनजाने में उनसे हुई होंगी..., असफलताओं का दंश भी चुभा होगा....लेकिन न गलतियों से सीखने की कोई चाहत उनके अंदर थी, न असफलताओं ने उनके अंदर का फौलाद खत्म किया था,...इसलिए तो उनके भीतर का राजेश खन्ना खम ठोंककर कहता है...अगर मुझे दोबारा जन्म मिले तो मैं राजेश खन्ना ही बनना चाहूंगा, वहीं गलतियां फिर से दोहराना चाहूंगा, आनंद रोता नहीं है...उसे आंसुओं से चिढ़ है...बाबू मोशाय....
राजेश खन्ना की फिल्‍मों, गानों के साथ हम दे रहे हैं इस शख्सियत को अपनी आदरांजलि...आप भी अपने श्रद्धांजलि नीचे दिए कमेंट बॉक्स में जाकर दे सकते हैं।
राजेश खन्ना की टॉप फिल्में
सुपरस्टार राजेश खन्ना ने 1966 से 2011 के बीच 160 से ज्‍यादा फिल्मों में काम किया। उनकी कुछ सबसे यादगार फिल्‍में:  बंधन (1969)नरेंद्र बेदी के निर्देशन में बनी 'बंधन'  से राजेश खन्ना ने रुपहले पर्दे पर एक बार फिर अपनी बादशाहत साबित की। उनके साथ मुमताज ने भी कमाल का अभिनय किया था।  
आराधना (1969)शक्ति सामंत के निर्देशन में बनी फिल्म 'आराधना' में राजेश खन्ना ने एक पायलट की भूमिका निभाई। पर्दे पर राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर के रोमांस ने कामयाबी की नई कहानी लिखी। फिल्म इतनी कामयाब हुई कि इसे बंगाली में डब भी किया गया और तमिल व तेलुगु में रीमेक भी बने। दोनों ही रीमेक में शर्मिला टैगोर ने ही काम किया था। आनंद (1971)
हृषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी 'आनंद' में राजेश खन्ना ने गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज का टाइटल रोल निभाया था। वह मौत से पहले अपनी जिंदगी को खुल कर जीना चाहता है। आनंद के इसी अंदाज के दर्शक दीवाने हो जाते हैं। अमिताभ के साथ की गई राजेश खन्ना की यह फिल्‍म भी ब्लॉकबस्टर साबित हुई।  बाबर्ची (1972)
हृषिकेश मुखर्जी के निर्देशन में बनी फिल्म 'बाबर्ची' में भी राजेश खन्ना टाइटल रोल में थे। उन्‍होंने अपने किरदार से इस फिल्म को भी अमर कर दिया। फिल्म तो सुपरहिट हुई ही। 
अमर प्रेम (1972)शक्ति सामंत निर्देशित इस फिल्म में राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की जोड़ी ने लोगों को अपना दीवाना बना दिया था। सुजीत कुमार और बिंदू ने भी फिल्म में अहम किरदार निभाया था। राजेश खन्ना के बेहद लोकप्रिय डॉयलाग- 'पुष्पा...आई हेट टियर्स' इसी फिल्म से है। 'अमर प्रेम' बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी और इसे भारतीय सिनेमा की सबसे यादगार फिल्मों में शुमार किया जाता है। फिल्म में राजेश खन्ना के रोल को न सिर्फ दर्शकों ने पसंद किया था बल्कि उनकी अदाकारी के चर्चों से अखबार और फिल्मी पत्रिकाएं भी भर गई थीं।  
आविष्कार (1974)बसु भट्टाचार्य निर्देशित इस फिल्म में एक बार फिर राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर की जोड़ी दिखी। फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई। इसे भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ क्लासिक फिल्मों में शुमार किया जाता है।  
आप की कसम (1974)ओम प्रकाश निर्देशित इस फिल्म में राजेश खन्ना ने मुमताज के शक्की पति का किरदार निभाया था। संजीव कुमार ने राजेश खन्ना के दोस्त का किरदार किया था। यह भी ब्लॉकबस्टर ही साबित हुई।  
  टॉप 10 गाने...राजेश खन्ना को पर्दे पर उनके गीतों के लिए भी याद किया जाएगा। बॉलीवुड के कई अमर गीत उनपर ही फिल्माए गए। यहां एक क्लिक में देखिए राजेश खन्ना के दस टॉप गीत। 1976-1978 तक बॉक्स ऑफिस पर रहे फ्लॉप
1976 से 1978 के बीच राजेश खन्ना की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी। इस दौरान उनके अभिनय की तो तारीफ हुई लेकिन फिल्में कमाल नहीं कर सकी। राजेश खन्ना की फिल्म  'बंडलबाज' (1976) बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ 25 लाख रुपए ही कमा सकी। इसके बाद आई 'महबूबा' ने भी 25 लाख रुपए का ही कारोबार किया। 1977 में आई 'अनुरोध' और 'कर्म' भी बॉक्स ऑफिस पर कमाल नहीं कर सकी। राजेश खन्ना ने इसके बाद फिल्म 'छैला बाबू' की लेकिन वो भी उनके जादू को वापस नहीं ला सकी। 'अमर दीप' से राजेश खन्ना ने एक बार फिर बॉक्स ऑफिस पर वापसी की। (सुनिए 1987 में बीबीसी द्वारा लिया गया राजेश खन्‍ना का इंटरव्यूपर्दे पर काका के साथ हिट जोड़ीराजेश इंडस्ट्री में हमेशा ही एक जिंदादिल रोमैंटिक हीरो के रूप में याद किए जाएंगे। फिल्मों में राजेश की एक नहीं, बल्कि कई हीरोइनों के साथ हिट जो़ड़ियांबनीं थीं।  टॉप डॉयलाग और सीन 
राजेश खन्ना तो चले गए लेकिन उनकी अदाकारी और डॉयलाग बोलने का एक खास अंदाज हमेशा जिंदा रहेगा। राजेश खन्ना की अदाओं के साथ-साथ उनके डॉयलाग्स भी लोगों के दिलों दिमाग पर छा जाते थे। 

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