अपने पुराने दिनों के साथी राजेश खन्ना के घर पर उनके पार्थिव शरीर को देख कर अमिताभ बच्चन खुद को रोक न सके और रो पड़े। उन्होंने राजेश खन्ना के पैर छुए और पास ही उनकी पत्नी डिंपल कपाड़िया के पास खामोश बैठ गए। उनकी आंखें आंसुओं से तर थीं। अमिताभ 20 मिनट तक वहां ठहरे और फिर उठ कर चुपचाप चले गए।
बाबूमोशाय, जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ है जहांपनाह, जिसे ना आप बदल सकते हैं ना मैं। हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं, जिनकी डोर ऊपर वाले की उंगलियों में बंधी हैं। कब कौन कैसे उठेगा, ये कोई नहीं बता सकता। हा हा हा...।
-फिल्म ‘आनंद’ में राजेश खन्ना
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